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मर्दों! अपनी बेचैनियों को प्यार पे मत थोपो!
आनंद यादव का ये कहना है । जो कि प्यार के ख्याल के साथ- साथ जो प्रेशर आता है, उससे जूझ रहे हैं । वो कहते हैं, “हम ‘प्यार का सितम’ क्यों कहते हैं? इसलिए क्यूंकि प्यार हमारी जिंदगी में खालीपन भरने का दावा तो करता है, लेकिन असल में, चाहे वो कितना ही चाशनी में डूबा, जुनूनी प्यार हो, वो हमारे अंदर के खालीपन का बस एक छोटा सा हिस्सा भर पाता है ।”
Read the full article...May 21st, 2021 0 comments.