कामदेव : एजेंट ऑफ़ इश्क़ - Agents of Ishq

कामदेव : एजेंट ऑफ़ इश्क़

कामदेव प्यार, तमन्ना और कामना के हिन्दू देवता हैं। जिस तरह से उन्हें दर्शाया जाता है उस से एहसास होता है की परंपरा और भारतीय संस्कृति में कामवासना को क्या स्थान दिया जाता था ।

अमृता नारायणन द्वारा संपादक किताब ” पैरोटस ऑफ़ डिज़ायर ” में वह लिखती हैं: अगर कौमुक आनंद हमें जीवन जीने मैं मदद करता है तो कामदेव भी इसलिए हैं ताकि हम कामवासना को सराह सकें।”

कामदेव अनेक नामों से जाने जाते हैं जैसे की मनमथ /मनमथू (जो उत्तेजित करे), अतनु (जिसका कोई शरीर नहीं ), रागवृंत (जूनून का डंठल) ,अनंगा (
निराकार), कंदर्प (उत्तेजित करने वाला , भगवानों को भी), मदन (नशीला), मन्मथ (जो दिलों का मंथन करे ), मनसिज (जो दिमागी है), पुष्पधनव , कुसुम्शार (फूलों के तीर वाला)

रोमानी लालसा के भगवान क्यूपिड की तरह कामदेव भी तीर छोड़ते हैं।

देवदत्त पट्टनायक के चित्रों से बनायी इस फिल्म में हम देखतें हैं की कामदेव का बाण गन्ने से बना है। उनका तीर भवरों की लकीर है जो
उर्वरता, जननक्षमता, समीठापन, आकर्षण और उपभोग दर्शाता है। उनके साथ हैं कोयल, तोता और वसंत जो आनंद,
उर्वरता और होय के प्रतीक हैं। कामदेव के पाँच तीरों पर फूल हैं। हर फूल उपभोगता के प्रभाव का प्रतिक है जो हैं – उन्माद, तापाना , शोशना , संथमभाना और सामोहना।

काम से जुड़े सारे प्रतीक प्यार और कामना को प्रकृति में, प्रकृति के और प्रकृति से स्थापित करते हैं।

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